
हरदेव जंगल को बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन पर उतरे जमुई के पर्यावरण प्रेमी।
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एक पेड़ को लगाने और उसे संरक्षित करने के लिए एक इंसान का पूरा जीवन काल निकल जाता है । इतना ही नहीं सरकार एव कई संगठन द्वारा भी पौधा रोपण एव पर्यावरण संरक्षण को लेकर करोड़ो अरबों खर्च किया जाता रहा है लेकिन विकास और खनन के नाम पर लगभग 9 लाख से अधिक पौधे की कटाई करना पर्यावरण के लिए कही भी बेहतर नही है, उक्त बातें साईकिल यात्रा एक विचार मंच के सदस्यो द्वारा कही गई। अपने रविवारीय 418 वीं यात्रा के क्रम में आज जमुई श्री कृष्ण सिंह स्टेडियम से निकल कर 14 किलोमीटर दूर निजुआरा ग्राम पहुंची जहां कई ग्रामीण के निजी जमीन पर पौधारोपण कर लोगो को अपने जीवन में एक व्यक्ति एक पौधा लगाने की अपील की गई। इसके साथ ही जोरदार तरीके से हसदेव जंगल को कटाई पर विरोध किया गया। इस अवसर पर मंच के सदस्य शैलेश भारद्वाज द्वारा बताया गया की जिस प्रकार पर्यावरण संरक्षण हेतु लोगो को जागरूक करने के लिए लगातार प्रयासरत है
लेकिन छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल में कोयला खदान को लेकर 1136 हेक्टेयर में फैले जंगल के लगभग 9 लाख पेड़ काटे जायेंगे इस घटना से वन्य जीव एव प्रकृति संसाधन का अस्तित्व समाप्त होने जैसा हैं। जिसका फिर से वजूद में लाना संभव ही नहीं है। केंद्र एव छत्तीसगढ़ सरकार को इसके लिए पुर्नविचार करना चाहिए। सदस्य पंकज कुमार द्वारा बताया गया की विकास एव खनन के नाम पर जल जंगल जमीन को ही बार बार बलि दी जाती है जबकि बारबार हमे प्रकृति अपना सबक दिखा चुकी है, हमलोगो को इस जंगल को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे लोगो के साथ देना इसलिए आवश्यक है क्योंकि पेड़ो के बिना जीवन का कल्पना नहीं कर सकते है। इस अवसर पर शैलेश भारद्वाज, गोलू कुमार, राकेश कुमार, पंकज कुमार, गुंजन मिश्रा, विवेक कुमार, सनी कुमार सिंह, राकेश कुमार सिंह, रॉबिन कुमार टुनटुन, आदर्श कुमार सिंह, पप्पन मांझी, तरुण मांझी, ननकु मांझी, शिव शक्ति मांझी, सुदामा मांझी, अजय मांझी, सूरज मांझी, नितीश कुमार सिंह सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।
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