
हर गांव सामूहिक रूप से तालाब का करे संरक्षण आने वाले समय में पेयजल समस्या से मिलेगी मुक्ति।
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जमुई का रविवार यदि जागता है तो साइकिल यात्रा एक विचार जमुई के पर्यावरण जागरूकता के नारो से क्या त्यौहार के मौके पर अपनी कारवां को लगातार जारी रखते हुए साईकिल यात्रा एक विचार, जमुई के सदस्यो का समूह अपने 407 वें यात्रा के क्रम में जमुई प्रखंड के खैरी- रामपुर ग्राम पहुंच कर एक तालाब को संरक्षण करने का प्रयास किया। इसके चारो ओर पौधा रोपण करने का हरा भरा कर गांवों में लुप्त हो रहे जल स्रोत और बगीचा को बनाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया गया। सदस्य सचिराज पद्माकर ने कहा बचपन से हम लोग अपने गांव टोला में तालाब, बगीचा, हरा भरा क्षेत्र से परिपूर्ण देखते आ रहे हैं, इससे ना केवल पूरा गांव लाभन्वित होता था बल्कि खेती वगेरह सहित कई आजीविका के रूप में उपयोग होता था।परंतु जिस तरह आधुनिक समय में हर गांव टोला तालाब और बगीचा से विहीन होती जा रही है।
उससे आम जन जीवन अस्त व्यस्त होता जा रहा है। इसे समय रहते संरक्षित करने का प्रयास नही गया तो गांव के लोग भी प्रदूषित वातावरण में जीवन जीने का विवश हो जायेगे। सदस्य शैलेश भारद्वाज ने बताया आज हम कुआँ तालाब नहर के अस्तित्व को भूलते जा रहे है, यह वर्षा जल को सहेजने में सहायक होते थे पर लोग अपनी इच्छापूर्ति के चक्कर मे इसे नष्ट कर दिए है नतीजन आने वाले भविष्य को शायद पता भी ना चले कि कुआँ, तलाब, नहर की महत्व क्या होती थी। यह सब के होने से ही आस पास में पानी का लेयर तो बना ही रहता है बल्कि शुद्ध पेयजल भी मिलता था, जो आज खरीद के फिल्टर पानी से भी नही मिलता है। आवश्यकता है आम लोग सामूहिक भागीदारी से इसे बचाये। इस अवसर पर राकेश कुमार, शुभम कुमार, शिवराज कुमार, विवेक कुमार, शैलेश भारद्वाज, सचिराज पद्माकर, कुंदन सिन्हा, लड्डू मिश्रा, अनूप कुमार, आदि कई लोग उपस्थित थे।
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