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जब सभ्यता मरती है तो प्रकृति का दोहन होता है

जब सभ्यता मरती है तो प्रकृति का दोहन होता है



नदी बचाओ अभियान के लोगो द्वारा रविवार को दूसरी बार नदी बचाओ पदयात्रा 2.0 का आयोजन किया इस बार की पदयात्रा गरसंडा सरकार भवन से निकल कर गरसंडा, तरी दाविल, दाविल, शीतलपुर, बानपुर, कोल्हुआ होते हुए घनश्याम थान पहुँची धूप और भीषण गर्मी का परवाह किये बिना क्या बच्चा क्या बुजुर्ग क्या हिन्दू क्या मुस्लिम क्या आम आदमी क्या प्रतिनिधि सभी कदम से कदम चल कर जमुई में हो रहीं प्रकर्ति दोहन के विरोध में कदम से कदम चलाते नजर आ रहे है। समिति के सदस्यों द्वारा बताया गया पदयात्रा का  मुख्य उद्देश्य सरकार के बालू उत्खनन के कारण आने वाली समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करना था । बेतरतीब खनन के कारण आज जमुई जिले का औसतन 50 फीट नीचे चला गया है जिसके कारण जमुई जिले के सभी घरों में चापाकल सूखी पड़ी है और आने वाले समय में बहुत बड़ी जल समस्या होने वाली हैं। सदस्यों द्वारा आगे बताया गया कि नदियों का लगातार दोहन से ल जमुई की स्तिथि हर क्षेत्र में बिगड़ी है, किसानों के पास खेती योग्य पानी उपलब्ध नही हो रहा है, जिसका प्रभाव आम जन में पड़ रहा यदि समय रहते जमुई के लोग जागरूक नही हुए तो वो दिन दूर नही होगा जब पानी के कारण आपस में लड़ाई करना या पलायन करना ही एकमात्र उपाय होगा। मौके पर आंदोलन में समर्पित रुप से सहयोग करने वाले धनेरिया पंचायत के पुरुषोत्तम सिंह ,लोहा पंचायत के मुखिया जमादार सिंह ,वरिष्ठ समाजसेवी रंजीत सिंह,  वीरेंद्र सिंह ,हिमांशु सिंह ,धीरज कुमार सिंह ,राहुल भावेश , शैलेश भारद्वाज, विमल मिश्रा, नंदलाल सिंह डॉ0 रवीश कुमार, त्रिशूल सिंह ,गौरव सिंह राठौर, शैलेश कुमार ,कुमार सुदर्शन  ,राहुल सिंह राठौर, ठाकुर डुगडुग सिंह, सहित सैकड़ों कार्यकर्ता ग्रामीण ने भाग लिया ।

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