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आदिवासी क्षेत्रों में भाकपा माले के द्वारा मनाया गया डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती

आदिवासी क्षेत्रों में भाकपा माले के द्वारा मनाया गया डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती



शुक्रवार को जमुई जिले के खैरा प्रखंड के हरखाड पंचायत मैं डॉ. भीमराव आंबेडकर की 132वीं जयंती भाकपा माले नेसुदूर आदिवासी इलाका दीपा कहर के प्राथमिक विद्यालय म्हेग्रो में मनाया गया भारत सहित पूरी दुनिया में एक उत्सव के रूप में मनाई जा रही है। तक भाकपा माले ने आंबेडकर जयंती समाज के सबसे हासिये पर खड़ा आदिवासीयो के बीच जा कर बाबा साहेब के तेलचित्र पर माल्यार्पण कर उनके विचारों को गाँव गाँव पहुँचने का संकल्प लेते हुए भाकपा माले के जिला सचिव शम्भू शरण सिंह ने कहा कि आजादी के सत्तर साल बाद जब हम बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर को याद कर रहे तब हमारे देश मे लाखो करोडो आदिवासी समुदाय के लोग आज भी मुख्यधारा से दूर रहना अमृतकाल के नाम पर जुमले बाजी है

वही भाकपा-माले के युवा नेता बाबू साहब सिंह ने कहा कि बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर को ‘समानता ‘ज्ञान और न्याय दिवस‘ के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकि जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले डॉ. आंबेडकर को समानता ज्ञान और न्याय का प्रतीक माना जाता है। आगे उन्होंने कहा कि डॉ. भीम राव आंबेडकर को वह एक महान सामाजिक विचारक थे। सभी भारतीयों में समानता लाने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। उनका कहना था कि शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है। समय आने पर भूखे रहो लेकिन अपने बच्चों को पढ़ाओ।वही भाकपा माले नेता बासुदेव रॉय ने कहा की बी आर आंबेडकर ने भारतीय कानून और शिक्षा में उल्लेखनीय योगदान दिया, उन्होंने स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री के रूप में भी कार्य किया। एक बार उन्होंने कहा था कि किसी भी समाज का उत्थान उस समाज में शिक्षा की प्रगति पर निर्भर करता है। मौके पर राजकुमार हेम्ब्रम,अनिल हेम्ब्रम,बुधन हेम्ब्रम, रमन हासदा, तुलसी मुर्मु,अर्जुन सोरेन, महेश हेम्ब्रम,सूंदर लाल हेम्ब्रम, अकला मुर्मू, करन हेम्ब्रम, दिलीप हेम्ब्रम,राजू सोरेन

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