
कभी बेहतर जल संरक्षण का पुरस्कार लेने वाला शहर आज जल विहीन।
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जमुई के नदी किनारे बसे क्षेत्रो में लगातार गिरती जलस्तर पर चर्चा कार्यक्रम एवं जल संरक्षण के प्रति लोगो को जागरूक करने साईकिल यात्रा एक विचार, जमुई के बैनर तले अपने 382 वें यात्रा के दौरान जमुई प्रखण्ड के सिंगारपुर ग्राम पहुँची। साईकिल यात्रियों द्वारा ग्रामीणों के साथ निजी जमीन पर कई फलदार, और लकड़ी का पौधा पौधरोपण कर पर्यावरण जागरूकता अभियान के साथ धरती को सुरक्षित रखने के लिए ग्रामीणों के साथ सदस्यों द्वारा अपना विचार साझा किया गया। यात्रा का नेतृत्व करते हुए शैलेश भारद्वाज ने बताया कि जिस प्रकार वर्तमान समय मे जमुई के कई क्षेत्रों में पानी का स्रोत बिल्कुल खत्म होने को है उससे निकट भविष्य में हमें भयंकर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। जल संरक्षण के दिशा में हमसबको मिलकर पहल करना चाहिए नही तो वो दिन दूर नही होगा जब पानी लेने के लिए लोग आपस मे झगड़ा करेगे इसके लिए आवश्यक है कि हमलोग मिलकर इसकी संरक्षण करें। सदस्य राहुल कुमार ने बताया कि हमें जल संकट को ज्वलंत उदाहरण केपटाउन शहर से सबक लेना चाहिए। केपटाउन का उदाहरण इसलिए दिया जा रहा है, क्योंकि यह दक्षिण अफ्रीका का वह शहर है,
जिसे जल संरक्षण और जल आपूर्ति प्रबंधन समिति के बेहतर कार्यों के लिए साल 2015 में सी-40 शहरों की पुरस्कार सूची में शामिल किया गया था। मगर महज दो सालों के भीतर ही इस शहर का पानी सूख गया। सदस्य लड्डू मिश्रा ने बताया कि पानी का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, उद्योग और घरेलू क्षेत्रों में किया जाता है। विभिन्न क्षेत्रों द्वारा इसके उपयोग के दौरान पानी को बचाने की आवश्यकता है। पानी का संरक्षण न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए बल्कि भविष्य की पीढ़ी के लिए भी आवश्यक है। इस अवसर पर राहुल सिंह, शैलेश भारद्वाज, लड्डू मिश्रा, गुंजन मिश्रा, सचिराज पद्माकर, कुंदन कुमार, सत्यम कुमार सहित कई ग्रामीण उपस्तिथ थे।
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