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ग्रामीण लगा रहे हैं जिलाधिकारी का चक्कर नहीं मिला इंसाफ

ग्रामीण लगा रहे हैं जिलाधिकारी का चक्कर नहीं मिला इंसाफ


डॉक्टर भगवान होते हैं लेकिन जमुई जिले के डॉक्टर की अपने मनमाना पन चरम पर देखा जा रहा है। जिले के सदर अस्पताल हो या प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र क्यों ना हो। सभी में डॉक्टर कि अपनी नियम कानून चलती है। लेट से आना और जब मन हो चले जाना अब डॉक्टरों की मन पर रहती है। जमुई जिले के अलीगंज प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र आढ़ा में डॉक्टर की मनमानी चरम पर देखा जा रहा है। इसकी जानकारी इस इलाके के कई ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को दिए। जिलाधिकारी ने भी स्वास्थ्य विभाग को इस बिंदु को देखने के लिए कहा गया लेकिन स्वास्थ्य विभाग जिलाधिकारी के आदेश को भी ताखा पर रखकर आजकल जिला में काम कर रहे हैं।

सीएस की जानकारी देने के बाद भी डॉक्टरों पर कोई फर्क नहीं पड़ता। डॉक्टर के लेट के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। ग्रामीण इलाका रहने के कारण नौ बजे से ही मरीज अस्पताल में डॉक्टर का इंतजार करते रहते है लेकिन डॉक्टर का कोई समय निश्चित नहीं है । जब मन हुआ चले आते हैं। और जब मन हुआ वह चले जाते हैं। ग्रामीणों द्वारा बताया गया की इस उपकेंद्र में कार्यरत डॉक्टर अबू अनस रिजवी अपने रसूख के बल पर पिछले 11 वर्षों से यही पदस्थापित है। साहब अपने क्लिनिक पर अधिक समय देते हैं। सरकार द्वारा उन्हें प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त किया गया है लेकिन वहां पर मरीज देखने के बजाय अपने निजी क्लिनिक की सेवा में लगे रहते हैं ।जिसके कारण ग्रामीण इलाके के लोगों को परेशानी होती है। ग्रामीण लगातार अलीगंज के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से लेकर जमुई समाहरणालय और सीएस ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन इस बिंदु पर ध्यान देना कोई भी पदाधिकारी वाजिब नहीं समझते है। जमुई- नवादा जिले की सीमा पर होने के कारण यहाँ हर रोज बहुत से मरीज इलाज कराने आते है। इसको लेकर प्रखंड प्रमुख रीना कुमारी ने स्वास्थ्य मंत्री, जमुई जिलाधिकारी को लिखित आवेदन देकर मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने तथा उक्त डॉक्टर को यहां से दूसरे जगह पदस्थापित करने की मांग किया। इस सम्बंध में प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सिंटू कुमार ने कहा कि हमे लिखित आवेदन नही मिला है, यदि ऐसी बात है जांचोपरांत विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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