
नहीं रहे पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह। महीनों से चल रहे थे बीमार
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71 वर्ष की आयु में पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह का निधन के साथ ही जमुई की राजनीति का एक और उदयीमन सूर्य अस्त हो गया। इसके पहले जमुई की धरती से 24 जून 2010 को पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह का निधन ब्रेन हेमरेज से हो गया था। नरेंद्र सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनके लिवर में गांठ का आपरेशन हुआ था। फिलहाल वे पटना के बिग अस्पताल में इलाजरत थे।
उनके निधन से मंत्री पुत्र सुमित कुमार सिंह व पूर्व विधायक पुत्र अजय प्रताप सहित पूरा परिवार और जमुई वासियों के बीच शोक की लहर दौड़ गई है। उन्होंने सोमवार की सुबह 9:15 बजे आखिरी सांस ली। आज शाम तक पार्थिव शरीर पकरी स्थित आवास पर लाया जाएगा। अंतिम संस्कार किऊल नदी के पकरी घाट पर मंगलवार को किया जाएगा।
बताते चलें कि जमुई जिले के खैरा प्रखंड के पकरी गांव के रहने वाले नरेंद्र सिंह स्वतंत्रता सेनानी श्री कृष्ण सिंह के पुत्र थे. नरेंद्र सिंह छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े रहे. 1970 में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में नरेंद्र सिंह महासचिव पद पर चुने गए थे.
नरेंद्र सिंह 1974 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हो रहे छात्र आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर शामिल हुए थे. तब नरेंद्र सिंह और लालू प्रसाद यादव की जोड़ी खूब चर्चा में रहा करती थी. बाद में वो चुनावी मैदान में उतरते हुए जमुई जिले के चकाई विधानसभा क्षेत्र से तीन बार और जमुई विधानसभा क्षेत्र से एक बार विधायक भी चुने गए. राजनीतिक जीवन में नरेंद्र सिंह वैसे भी शख्स थे जिन्होंने दो अलग-अलग विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ते हुए दोनों सीट से विजयी हुए थे
नरेंद्र सिंह लालू प्रसाद यादव की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और नीतीश कुमार की सरकार में कृषि मंत्री के अलावा और भी कई विभागों में मंत्री रह चुके थे. नरेंद्र सिंह की पहचान एक समाजवादी नेता के रूप में थी जिन्होंने कृषि मंत्री रहते हुए बिहार कृषि व्यवस्था में बहुत सारे बदलाव लाए थे. इस कारण बिहार सरकार को कृषि क्षेत्र में बेहतर करने के लिए सम्मानित भी किया गया था.
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