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खाद की कालाबाजारी करने वाले दुकानदार को अब खैर नहीं

खाद की कालाबाजारी करने वाले दुकानदार को अब खैर नहीं

 



शुक्रवार को कृषि निदेशक बिहार पटना की पत्रांक 966 के दिए गए निर्देश के आलोक में जमुई कृषि विभाग के सभाकक्ष में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में राजेश प्रताप सिंह संयुक्त निदेशक पटना के थे बैठक में अंतर्गत संयुक्त निदेशक रसायन नियंत्रण एवं सहायक कृषि निदेशक पौध संरक्षण बिहार पटना द्वारा संयुक्त भ्रमण किया गया। 0 टालरेस का पालन करने हेतु विभागीय निर्देश के आलोक में अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक के द्वारा संयुक्त रूप से कृषि विभाग के सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश चंद्र उपस्थित थे।

सर्वप्रथम सभी पदाधिकारियों से जीरो टालरेस को कड़ाई से अनुपालन करने के लिए नियमित रूप से खुदरा एवं खाद विक्रेता का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया। सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर पोस मशीन से किसानों को खाद उपलब्ध कराना एवं निर्गत रशीद को किसानों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। किसी भी प्रखंड एवं पंचायतों में निर्धारित मूल्य से अधिक में उर्वरकों की बिक्री की जाती है तो उस प्रखंड के प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं कृषि सवन्वयक जवाबदेह होंगे। बैठक में उपस्थित जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले में अभी मात्र 81 प्रतिशत बिचरा गिराए जा चुका है। 1% से कम धान की रोपनी हुई है। वर्षा के अभाव में बिचड़ा बचाना मुश्किल हो रहा है। बरहट प्रखंड के किसानों द्वारा पूछने पर बताया गया कि वर्षा के अभाव में अभी तक हम लोगों के द्वारा खरीफ मौसम में यूरिया का खरीद नहीं किया गया है।

विगत रवि 21 में कृषिकों द्वारा पूछताछ के क्रम में बताया गया कि यूरिया 266.50 रुपए एवं डीएपी 12 सो 50 रुपए में खरीद किया गया था। दौरे पर आए टीम द्वारा सख्त निर्देश दिया गया कि किसी भी तरह से जीरो टॉलरेंस नीति का अनुपालन करना सुनिश्चित करेंगे अपने प्रखंडों में कालाबाजारी जमाखोरी पर रोक लगाने हेतु प्रतिष्ठानों का निरीक्षण प्रतिवेदन जिला कृषि पदाधिकारी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। रेक पॉइंट पर कृषि निदेशक के पत्रांक 820 के आलोक में निर्देश दिया गया कि उपरोक्त पत्र का अक्षर का अनुपालन कर बिक्री पर कड़ी निगाह रखना सुनिश्चित करेंगे। जिले में खाद की कालाबाजारी करने वाले दुकानदार को अब खैर नहीं है। खुदरा दुकानदार हो या स्टॉकिस्ट ही क्यों ना हो। उनकी पूरी निगरानी कृषि विभाग के कृषि पदाधिकारी, समन्वयक और प्रखंड के सभी बीओ के द्वारा पैनी नजर रखी जाएगी। अगर कालाबाजारी की बात कहीं से आएगा और वह सही पाए जाने पर कृषि समन्वयक व कृषि पदाधिकारी सहित उस प्रखंड के बीओ को जवाब देना होगा। यह बातें कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक राजेश प्रताप सिंह व सहायक कृषि निदेशक विनय कुमार सिंह ने कृषि विभाग के सभाकक्ष में बैठक में स्पष्ट शब्दों में कहा । उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने पर किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

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