विश्व मिट्टी दिवस पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन
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जमुई। आकाश राज
विश्व मृदा दिवस के अवसर पर साईकिल यात्रा एक विचार, ग्रीनपीस एवं जीविका के संयुक्त प्रयास से खैरा प्रखंड के सगदाहा ग्राम में मिट्टी को बचाने के लिए संयुक्त रूप से पहल की गई। सगदाहा ग्राम के ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से खेती को टिकाऊ और मुनाफ़े बनाने के लिए शपथ लिया। उन्होंने कहा कि अपनी मिट्टी में ऐसे कृषि रसायनों का प्रयोग नहीं करेंगे जिससे मिट्टी में रहने वाले जीव जंतुओं के लिए हानिकारक हैं। जीविका के जिला जीवोकपार्जन प्रबंधक कौटिल्य कुमार ने बताया कि भारत में लगभग 70 लाख हेक्टर ज़मीन मिट्टी खराब होने के कारण खेती योग्य नही है। यह सालाना 10 प्रतिशत की गति से बढ़ रही है और यदि अभी इस पर रोक नहीं लगाई गई तो 2050 तक भारत की आधी ज़मीन खेती करने योग्य नहीं रह जाएगी।
विवेक कुमार ने बताया कि मिट्टी हैं तो हमारा जीवन हैं। पानी के साथ-साथ मिट्टी भी हमारा जीवन हैं। यह मिट्टी प्रकृति की देन हैं। इसे हमें स्वास्थ्य बनाए रखना हैं। इसके लिए हमें अपने खेतों में हानिकारक किट नाशक पदार्थो के जगह केचुआ निर्मित खाद का उपयोग करना चाहिए जिससे ना केवल यह उपजे अनाज स्वास्थ वर्धक होगा बल्कि खेतों की आयु बनी रहेगी। अजीत कुमार एवं संतोष कुमार ने विश्व मिट्टी दिवस का क्षारियता से मिट्टी को बचाना और मिट्टी की उत्पादकता बढ़ाना' निर्धारित किया गया है। क्योंकि पूरी दुनिया में हानिकारक रासायनिक खेती और त्रुटिपूर्ण खेती की विधियों के कारण मिट्टी में नमक की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है। मिट्टी में नमक की मात्रा अधिक होने से मिट्टी की उत्पादन क्षमता तेज़ी से घटने लगती है और अगर समय रहते उसका उपचार नहीं किया जाए तो मिट्टी की ऊपरी सतह पर नमक की परत जम जाती है और मिट्टी बिलकुल बंजर हो जाती है। इस अवसर पर संतोष कुमार, शेषनाथ राय, अजीत कुमार, शैलेश भारद्वाज, शेखर कुमार, अभिषेक कुमार, सिंटू कुमार, अधिक सिंह सहित दो दर्जन महिला किसान उपस्थित थे।
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