शुकबार को जमुई ज़िला के प्रशासन के साथ मिलकर जैविक जमुई अभियान एवं ग्रीनपीस इंडिया ने राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर ज़िले के जैविक किसानों और जैविक खेती को प्रोत्साहन देने वाले कर्मियों को सम्मानित करके एक क्रांतिकारी परम्परा की शुरुआत की। शुक्रवार को प्रकृति मित्र किसान सम्मान 2021 से ऐसे किसानों और कर्मियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने नवाचारों और अथक परिश्रम से ज़िले और सूबे में जैविक खेती आंदोलन को सुदृढ़ करने में अपूर्व योगदान दिए हैं। सम्मानित व्यक्तियों में 4 पुरुष और 2 महिला किसान शामिल हैं। इस नए और अनूठे सम्मान की घोषणा करते हुए ज़िलाधिकारी श्री अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि "मैं जैविक खेती की दिशा में अनुपम कार्य करने वाले किसानों को सम्मानित करते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है। आज के समय में जैविक खेती की अहमियत काफ़ी अधिक हो गई है। कृषि रसायनों के ग़लत प्रयोग से मिट्टी समेत पर्यावरण के कई तत्त्व बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं जिसका दुष्प्रभाव भोजन की गुणवत्ता और कृषि उत्पादकता दोनों पर दिखने लगे हैं। ऐसे में विविधतापूर्ण जैविक खेती सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टि से फ़ायदेमंद है। मैं आज प्रकृति मित्र किसान सम्मान 2021 से सम्मानित सभी लोगों को हार्दिक बधाई देना चाहता हूँ। मुझे इस बात का गर्व है कि जमुई ज़िले ने जैविक खेती के मामले में अपनी विशेष पहचान बनाई है और जैविक खेती के C-3 प्रमाण से प्रमाणित पहला कृषक समूह भी जमुई के केड़िया गाँव के किसानों का है। प्रकृति मित्र किसान सम्मान वितरण समारोह में उपस्थित मौलाना अबुल कलाम आज़ाद शिक्षा सम्मान से पुरस्कृत जमुई के नामचीन शिशु चिकित्सक डॉ० एस० एन० झा ने बेहतर स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, अभी भोजन के साथ कई ऐसे कृषि रसायन हमारे शरीर में पहुँच रहे हैं जो ज़हर से भी ज़्यादा ख़तरनाक हैं जिनके कारण तरह-तरह की बीमारियाँ और स्वास्थ्य-सम्बन्धी समस्याएँ देखने में आ रही हैं। कुछ ऐसे कृषि रसायन अभी प्रयोग किए जा रहे हैं जिनसे बच्चों, ख़ासकर लड़कों में नपुंसकता जैसे स्वास्थ्य विकार देखने को मिल रहे हैं। यह ज़रूरी है कि तेज़ी से ऐसे ख़तरनाक कृषि-रसायनों से मुक्ति पाई जाए और जैविक खेती को व्यापक स्तर पर अपनाया जाए। इस सम्मान के द्वारा किसानों के बीच जैविक खेती के प्रति रुझान पैदा करने में सहायता मिलेगी। ज्ञात हो कि जमुई जिला और उसके प्रगतिशील जैविक पुरुष एवं महिला किसान बिहार में जैविक आंदोलन की रीढ़ रहे हैं और उन्होंने पूरे सूबे के किसानों को जैविक खेती अपनाने का हौसला और प्रेरणा दी है। जमुई प्रशासन और उसके किसानों ने ही सूबे को पहला जैविक ग्राम दिया और अब जीविका से जुड़ी 150 से अधिक महिला किसानों ने जैविक किचेन गार्डन के द्वारा खाद्य एवं पोषण सुरक्षा का एक सटीक, सस्ता और टिकाऊ मॉडल प्रस्तुत किया है। इतना ही नहीं, यहाँ के सरकारी स्कूलों के मास्टरों और बच्चों की सामूहिक मेहनत ने सूबे को पहली जैविक पोषण वाटिका का मॉडल भी विकसित किया जिसे बिहार के माननीय मुख्यमंत्री ने भी सराहा। समारोह में सम्मानित किसानों व शिक्षा कर्मियों को प्रोत्साहित करते हुए जमुई कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक श्री सुधीर कुमार सिंह ने कहा "इन किसानों, जीविका दीदियों और सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों ने केवल जैविक खेती आंदोलन को ही दिशा और गति नहीं दी है बल्कि अपनी विविधतापूर्ण कृषि पद्धतियों के बल पर खेती से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु संकट से बचाव की दिशा में ठोस कदम भी उठाए हैं। जमुई के किसानों ने जल प्रबंधन की ऐसी विधियाँ विकसित की हैं जो भूजल स्तर को बढ़ाने के साथ साथ कुओं से सालोंभर पटवन करने में समर्थ हैं। इस आयोजन पर अपनी टिप्पणी देते हुए ग्रीनपीस इंडिया के इश्तियाक़ अहमद ने कहा कि हम यह महसूस करते हैं कि प्रकृति मित्र किसान सम्मान पाने वाले ये किसान आज के जलवायु योद्धा और जलवायु चैंपियन से कम नहीं और उन्हें उनके अनुपम प्रयोगों और उपलब्धियों के लिए सम्मानित करके जिले और सूबे के हज़ारों-लाखों किसानों को जलवायु के अनुरूप व जैव विविधता को बढ़ाने वाली कृषि पद्धति अपनाने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा सकता है। इस नए सम्मान की घोषणा करने के लिए जमुई प्रशासन बधाई का पात्र है। सम्मानित लोगों में जीविका से जुड़ी संगीता देवी गुलाब जीविका महिला ग्राम संगठन, मोहनपुर, आरती देवी आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 19, अगहरा राज कुमार यादव जीवित माटी किसान समिति, केड़िया, श्री विजय कुमार सिंह जीवित माटी स्वयं सहायता समूह, तरी दाबिल, श्री अमित कुमार सिंह गौरा जैविक उत्पादक समूह, एवं प्रधानाध्यापक श्री शिव कुमार चौधरी उत्कर्मित मध्य विद्यालय सखीकुरा शामिल हैं। इस सम्मान की चयन समिति में जमुई जीविका के डीपीएम श्री विक्रांत शंकर सिंह, ज़िला कृषि पधाधिकारी श्री अविनाश कुमार चंद्रा, आत्मा परियोजना निदेशक श्री पंकज कुमार सिंह, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ० सुधीर कुमार सिंह, प्रधानमंत्री पोषण योजना पदाधिकारी श्री शिव कुमार शर्मा और बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सुश्री रेणु देवी शामिल थीं। कार्यक्रम की समाप्ति पर ज़िलाधिकारी श्री अवनीश कुमार सिंह ने ज़िला शिक्षा पदाधिकारी श्री सकलदेव तिवारी को ज़िले के सभी स्कूलों में जैविक पोषण वाटिकाओं का निर्माण करने को कहा और यह आश्वासन भी दिया कि इस काम में हर सम्भव मदद करेंगे। साथ ही उन्होंने उपस्थित किसानों को जैविक खेती को अपनाने और उसके व्यापकीकरण के लिए पूरा सहयोग उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया। कोविड को मद्देनज़र रखते हुए इस अवसर पर ज़िला शिक्षा पदाधिकारी श्री सकलदेव तिवारी, डीपीएम श्री विक्रांत शंकर सिंह, आत्मा परियोजना निदेशक श्री पंकज कुमार सिंह के अलावा सीमित संख्या में महिला एवं पुरुष किसान मौजूद थे।
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